ये दुनीया एक सुख -दुःख की बगीया ,
फूल बनकर इसे महकाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो......
हर पल हर लम्हा जींदगी का, कीमती है दोस्तों,
समेटकर बाहों मे इन्हें, मीठी यादैँ बनाते रहो,
कभी लगे जब जींदगी मायुश सी उदास सी,
खोलकर बाहैँ अपनी,ख़ुशी के ये पल लुटाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो.............
दील से ढूंदो तो पाओगे हर साज जींदगी मे,
जोड़कर इन साजों को ,गीत ख़ुशी के बनाते रहो,
कभी जब गीरने को हो आंशु आँखों से,
बंद कर आँखें अपनी,ख़ुशी के ये गीत गाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो.............
माना की गम तो जींदगी मे आते ही रहेंगे,
ग़मों को लगाकर गले,दोस्त अपना बनाते रहो,
देखना एक दीन जींदगी आकर कहेगी तुमसे,
इसी तरह लोगों को जींदगी जीना सीखाते रहो,
तुम बस मुस्कुराते रहो.............
Saurabh.......
1 comment:
hi this is kartik
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